क्रांति(येवतीकर )कनाटे
क्रांति(येवतीकर )कनाटे
बस एक शब्द
मुझे एक शब्द मिल जाता -
बस एक शब्द कि
मैं रिसते हुए जख्मों पर मरहम रखती,
पंछियों को सौंप देती है उनकाआकाश
कि हिरण कुलाँचे मारते फिरते
जंगल में निडर।
मुझे एक शब्द मिल जाता-
बस एक शब्द कि
मैं बच्चों के सपनों से चांँद निकालकर
उनके सिरहाने रखती,
मांँओं को रूठे बेटे लौटा देती,
बहनों को चुकाती
राखी का मोल
कि सुबह के भूले
शाम घर लौट आते।
मुझे एक शब्द मिल जाता-
बस एक शब्द
कि मैं हर चूल्हे में
आग रखती,
हर रिश्ते में आँच
कि मैं हर हाँडी में
धान रखती ,
हर मुंँह में स्वाद।
मुझे एक शब्द मिल जाता
बस एक शब्द...
एक कविता
मुझे तुम्हारे लिए
लिखनी है एक कविता,
जो बिना पोंछे ही
सोख सके
तुम्हारे माथे का पसीना।
मुझे तुम्हारे लिए
बुनना है एक सपना,
तुम्हें अच्छा लगे
जिसे पूरा करना।
मुझे तुम्हारे लिए
करनी है एक प्रार्थना
जिसे सुनते ही
ईश्वर कह उठे,
तथास्तु! तथास्तु! तथास्तु!
अधूरा घोंसला
तुमने जब
पकड़ा था चिड़िया को
उसकी चोंच में
कुछ तिनके थे और
पेड़ पर लटका था
उसका अधूरा घोंसला,
चिड़िया गिनती नहीं जानती
इसलिए बरसों का
हिसाब नहीं रखती
पर एक बात वह
ख़ूब समझती है कि
जब वह नई-नई
पिंजरे में बंद हुई थी
आंँगन में ख़ूब
धूप आती थी और
दूर दिखाई देता था
उसका पेड़,
चिड़िया के देखते ही
देखते चारों तरफ़
बड़ी-बड़ी इमारतें
खड़ी हो गई हैं
जिनके पीछे
उसका सूरज
खो गया है
और खो गया है वह पेड़
जिस पर चिड़िया एक
सपना बुन रही थी।
चिड़िया की आंँखों में
रह-रह कर घूमता है
अपना अधूरा घोंसला.
उत्सव
उन्हें
अपनी जीत का
उत्सव मनाने दो
तुम भी कहांँ
अकेले हो ?
हारा हुआ सही
तुम्हारा सच
तुम्हारे साथ है
अब भी।
*****
वक़्त-१
वक़्त
आदमी ने किए
गुनाह सेता है
और फिर
वक़्त देखकर
सज़ा देता है।
*****
वक़्त - २
मुझसे इसमें
जोड़, भाग, गुणा, घटाव
कुछ होगा नहीं,
जो वक़्त ने लिखा है
चेहरे पर हिसाब
लिखा रहने दो।
---------------- क्रांति(येवतीकर )कनाटे
क्रांति जी की कविताएं गहरे अर्थबोध को मर्मस्पर्शी कविताएं है। "बस एक शब्द " मानवीय संवेदनाओं, करुणा और निष्ठा की सक्षम अभिव्यक्ति है और शब्द के सामर्थ्य की भी। सभी कविताएं उत्कृष्ट है।
ReplyDeleteप्रभा मुजुमदार
आभार प्रभाताई।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteमन को भा गई क्रान्ति जी आपकी कविताएँ
ReplyDeleteआभार सुषमा जी.
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteक्रांति ताई की कविताएँ गागर में सागर होती है। इनमें प्रकृति है, संवेदनाएँ है, भाव है, गहराई है, व्यथा है और मन को अंदर तक भिगोने का सामर्थ्य है।मैं तो हमेशा ही इनकी कविताओं की कायल हूँ।
ReplyDeleteबहुत उम्दा.....
आभार रचना जी.
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteक्रांतिताई तुमच्या सर्व कविता हृदयस्पर्शी आहेत। पहिल्या कवितेत मात्र तो एक शब्द जो तुम्हाला अद्याप सापडलेला नाही त्याग शब्दांच्या शोधात आपण सर्व संवेदनशील प्राणी आहोत., असो सर्व कविता देखील त्याच शोधातून उमजलेल्या आहेत. म्हणून सर्व कविता मानवी सम्वेदनांच्या कविता जाल्या आहेत. अभिनंदन.
ReplyDeleteधन्यवाद।
Deleteआभार
ReplyDeleteसर्वच कविता खूप आशयघन आहेत. अधूरा घोंसला खुप च गूढ अर्थ आहे या कवितेत स्त्रीच्या स्वप्नांना कैद केल्यावर तिची मनस्थिती अशीच होते.माहेरी पाहिलेली स्वप्न सासरच्या सोनेरी पुजाऱ्यात अडकून पडतात.तेव्हा ती अपूर्ण स्वप्न हरवून जातात. असा मला याचा अर्थ वाटतो
ReplyDeleteखूप सुंदरi
धन्यवाद।
Deleteसर्वच कविता विचार करायला लावणारे आहेत खूप छान
ReplyDeleteधन्यवाद
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